Apoorva Shukla

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लेखनी कविता - तेरा मिलन

तुमसे मिलना अच्छा रहा
तुमसे ना मिलना ज्यादा अच्छा रहा
तुममें खोना अच्छा रहा
 तुम्हारा साथ होना अच्छा ना रहा.. 
तुमसे प्यार अच्छा रहा 
 तुम्हारा दीदार अच्छा ना रहा.. 
तुम्हारी कल्पना अच्छी रही 
 तुम्हारी सत्यता अच्छी ना रही
तुमसे दूरी अच्छी रही
 तुम्हारी नजदीकी अच्छी ना रही... 
अब मुझे फिर से तुमसे दूर जाना है 
तुम्हें सिर्फ़ सपनों में बुलाना है
तुमसे बातें सिर्फ़ कल्पनाओं में करनी हैं
तुम्हारा साथ सिर्फ़ रचनाओं में रखना हैं
तुम्हारा हाथ सिर्फ़ कहानियों में पकड़ना हैं
तुमसे प्रेम सिर्फ़ यादों में करना हैं... 
अब मुझे फिर से तुमसे दूर जाना हैं
तुम्हें सिर्फ़ सपनों में बुलाना है... 

अपूर्वा शुक्ला 🍁✍

#प्रतियोगिता स्वैच्छिक

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2 Comments

Gunjan Kamal

24-Nov-2022 08:56 PM

बहुत खूब

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Rajeev kumar jha

24-Nov-2022 02:44 PM

बहुत खूब

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